कृषि विभाग के जागरूकता वाहन व जन चेतना रैलियों से दिया फसल अवशेषों में आग ना लगाने का संदेश - Discovery Times

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कृषि विभाग के जागरूकता वाहन व जन चेतना रैलियों से दिया फसल अवशेषों में आग ना लगाने का संदेश

 


कुरुक्षेत्र (अनिल धीमान ): अक्टूबर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. सुरेंद्र मलिक ने कहा कि जिले में सीआरएम स्कीम के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों व शिविरों का आयोजन करके आमजन को फसल अवशेष प्रबंधन करने व फसल अवशेषों में आग ना लगाने के प्रति जागरुक किया जा रहा है। इसी कड़ी में विभाग के जागरूकता वाहन ने गांव-गांव जाकर आमजन को फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर विस्तार से जानकारी देकर जागरुक करने का काम किया जा रहा है।

डीडीए डा. सुरेंद्र मलिक ने कहा कि विभाग के जागरूकता वाहनों द्वारा आमजन को फसल अवशेषों में आग ना लगाने, फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करके आर्थिक लाभ उठाने, फसल अवशेषों में आग लगाने से पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में स्लोगनों, पोस्टरों आदि के माध्यम से जागरुक किया जा रहा है। इसके साथ-साथ शिविरों में कृषि विभाग के अधिकारी आमजन को कृषि विभाग की विभिन्न कृषि स्कीमों की जानकारी प्रदान करने का काम कर रहे है। किसान फसल अवशेष प्रबंधन करके जहां पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते है, वहीं प्रति एकड़ 1 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि का आर्थिक लाभ भी उठा सकते है। फसल अवशेषों में आग ना लगाने के प्रति सावधान करने और ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस व विभाग के वाहनों के माध्यम से फ्लैग मार्च भी निकाले जा रहे है। विभाग द्वारा जिले के गांव बाबैन, बोधनी, अरुनैचा, प्रतापगढ़, नलवी, त्यौड़ा सहित अन्य गांवों में जागरूकता वाहन, जन चेतना जागरूकता रैलियों व जागरुकता शिविरों का आयोजन करके आमजन को फसल अवशेष प्रबंधन बारे विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। इन शिविरों में कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर जागरुक करने का काम कर रहे है।

प्रचार वाहन ने गांव-गांव पहुंचकर फसल अवशेष प्रबंधन पर किया जागरुक, फसल अवशेषों का प्रबंधन कर किसान प्राप्त करें आर्थिक लाभ

उन्होंने कहा कि किसान फसल अवशेषों को अपनी जमीन में दबाकर भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ा सकते है। जिस किसान ने पराली के बंडल बनवाए है, उसे सीआरएम पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होगा ताकि उन्हें 1 हजार रुपए प्रति एकड़ की अनुदान राशि प्रदान की जा सके। फसल अवशेषों को जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है और भूमि में उपस्थित किसान मित्र कीट मर जाते है, जिससे भूमि का बंजर होने का खतरा बढ़ जाता है। फसल अवशेषों को जलाने से निकलने वाला धुआं बुजुर्ग व बच्चों के स्वास्थ्य पर भी बहुत बुरा असर डालता है। किसान फसल अवशेष प्रबंधन करके सरकार और प्रशासन का सहयोग कर सकते है तथा आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकते है। सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेशानुसार फसल अवशेषों को जलाना कानूनन जुर्म है तथा दोष साबित होने पर प्रति एकड़ 2500 रुपए जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। जिले में फसल अवशेषों को जलाने से रोकने के लिए उपायुक्त कुरुक्षेत्र द्वारा धारा 144 के तहत आदेश भी जारी किए गए है, जिसके तहत फसल अवशेषों में आग लगाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है। इन शिविरों में किसानों को जागरुक करने के साथ-साथ किसानों का फसल अवशेष न जलाने बारे शपथ भी दिलवाई जा रही है।

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