कुरुक्षेत्र, 10 फरवरी- पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा का कहना है कि प्रदेश सरकार ने भर्ती के नाम पर एक बार फिर हरियाणा के युवाओं के साथ धोखा किया है। 5 साल से भर्तियों पर कुंडली मारकर बैठी BJP-JJP सरकार ने लंबे इंतजार के बाद ग्रुप-सी की भर्ती का रिजल्ट जारी किया। लेकिन ये रिजल्ट युवाओं के लिए खुशी की बजाए भद्दा मजाक साबित हुआ। क्योंकि भर्ती में भयंकर पैमाने पर धांधली सामने आई है। धांधली इस कद्र सरेआम थी कि रिजल्ट जारी होते ही हजारों की तादाद में युवा एचएसएससी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच गए।
युवाओं ने आरोप लगाया कि धांधली करके ज्यादा अंकों वाले अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर कर दिया गया और कम अंक वाले अभ्यर्थियों का सिलेक्शन कर लिया गया। अभ्यार्थियों के दस्तावेजों में बड़े पैमाने पर फेरबदल करके इस पूरे गड़बड़झाले को अंजाम दिया गया है। अभ्यार्थी शिकायत कर रहे हैं कि दस्तावेजों में गड़बड़ी करके उनकी कैटेगरी ही बदल दी गई। शिकायत करने पर अधिकारियों ने कई अभ्यर्थियों को बताया कि उनके डॉक्यूमेंट जमा नहीं होने की वजह से उन्हें सेलेक्ट नहीं किया गया। जबकि डॉक्यूमेंट के जमा किए बिना ना तो अभ्यर्थी का फॉर्म सबमिट हो सकता है और ना ही उसका रोल नंबर जारी हो सकता है। बहुत सारे अभ्यर्थियों के तो पोर्टल से डॉक्यूमेंट ही गायब बताए जा रहे हैं।
सवाल खड़ा होता है कि अभ्यार्थियों द्वारा जमा किए गए दस्तावेज आखिर कहां गए और किसने गायब किए? सरकार के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है। इसलिए इस गड़बड़झाले को अंजाम देने के लिए बिना डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के ही रिजल्ट जारी कर दिया गया। जबकि फाइनल रिजल्ट से पहले हमेशा अभ्यर्थियों की फिजिकल डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होती है, जो इस भर्ती में कारवाई ही नहीं गई। इसलिए इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच जरूरी है।
अशोक अरोड़ा ने कहा कि ये वहीं ग्रुप-सी की भर्ती है, जिसके CET की मुख्य परीक्षा में भी धांधली हुई थी। ग्रुप-56 और ग्रुप-57 का पेपर कॉपी-पेस्ट करके लीक किया गया। 100 में से 41 सवाल ऐसे थे, जो 6 अगस्त के पेपर में आए और वो 7 अगस्त के पेपर में रिपीट कर दिए गए।
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी मौजूदा सरकार के कार्यकाल कई भर्ती घोटाले उजागर हो चुके हैं। इस सरकार के दौरान भर्तियों के रिजल्ट से ज्यादा पेपर आउट होते हैं। बाकायदा अखबारों में HSSC और HPSC की कई भर्तियों की रेट लिस्ट भी छपी है। क्योंकि खुद भर्ती करने वाले डिप्टी सेक्रेटरी HPSC ऑफिस में लाखों रुपये के साथ पकड़े गए। भर्तियों में धांधली के आरोप में खुद HSSC के कर्मचारी पकड़े गए। उनके हवाले से कई भर्तियों में घोटाले के खुलासे हुए, लेकिन सरकार ने सारे मामलों को दबा दिया। भर्तियों में गड़बड़ियों के चलते खुद कोर्ट कई बार सरकार की भर्ती करने वाली संस्थाओं को जुर्माना लगा चुकी है। बावजूद इसके गड़बड़ियों का सिसलिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।