कुरुक्षेत्र, 17 अप्रैल: श्री गुलजारीलाल नंदा नीति शास्त्र, दर्शन शास्त्र, संग्रहालय एवं पुस्तकालय केंद्र के तत्वावधान में मंगलवार को प्रथम वैचारिक संवाद एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्र की निदेशिका प्रोफेसर शुचिस्मिता ने केंद्र के गौरवपूर्ण अतीत, परंपरा एवं भावी योजनाओं की रूपरेखा रखते हुए सभी उपस्थित प्रबुद्ध जनों का स्वागत किया। दुर्गा अष्टमी के दिवस पर आयोजित वैचारिक संवाद के अन्तर्गत केंद्र को कुरुक्षेत्र नगर एवं नंदा जी की गरिमा के अनुरूप विकसित करने का संकल्प लिया गया। उपस्थित सभी प्रबुद्ध जनों ने केंद्र को भविष्य में भारतीय संस्कृति एवं परंपरा के अनुरूप विकसित करने की संकल्पना व्यक्त की। इसके अंतर्गत यह निश्चय किया गया कि शीघ्र ही यहां पर बच्चों के लिए आउटडोर खेल एवं समय-समय पर विभिन्न विषयों पर प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा।
इस मौके पर विशेष रूप से उपस्थित 48कोस तीर्थ मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा एवं समाजसेवी विजय सबरवाल ने सुझाव दिए कि यहां के पुस्तकालय को भारत सरकार के संस्कृति के मंत्रालय के सहयोग से विकसित किया जाना चाहिए ताकि शहर एवं देश विदेश के अधिक से अधिक बुद्धिजीवी एवं शोधार्थी यहां पर विविध सांस्कृतिक एवं सामाजिक विषयों पर विचार विमर्श कर सकें। इस अवसर पर डॉ. राजेंद्र राणा, डॉ गुरचरण सिंह, डॉ रामचंद्र एवं डॉ. हरविंदर लोंगोवाल ने भी केंद्र को विकसित करने के लिए नन्दा जी के जीवन पर डॉक्यूमेंट्री, राष्ट्रीय संगोष्ठी, पत्रक एवं जीवन गैलरी तथा संवाद केंद्र में मासिक परिचर्चा के आयोजन करने के सुझाव दिए।
केंद्र की निदेशिका प्रोफेसर शुचिस्मिता ने आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन एवं कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सहयोग से शीघ्र ही केंद्र को सक्रिय एवं ऊर्जावान संस्थान के रूप में विकसित करने तथा सभी विचारित विषयों के क्रियान्वयन की दिशा में प्रयास प्रारंभ कर दिए जाएंगे। इस अवसर पर राजेश जोशी, अमन शर्मा, कार्यकारी अभियन्ता पंकज शर्मा सहित अनेक प्रबुद्ध जन इस अवसर पर उपस्थित रहे।